Bangladesh की India से नाराज़गी, Yunus का Election Plan और Chicken Neck की चिंता: पढ़ाकू नितिन, Ep 208
बांग्लादेश में संसद खत्म, सड़कों पर सेना और सत्ता एक ऐसे शख्स के हाथ में, जिसे जनता ने चुना ही नहीं, नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस. शेख़ हसीना नज़र नहीं आ रहीं. तो क्या यूनुस सत्ता में लाए गए हैं? अगर हां, तो अमेरिका, चीन या किसी और के इशारे पर? भारत क्यों चुप है लेकिन बेचैन भी? इस एपिसोड में जानिए बांग्लादेश की मौजूदा राजनीति, अमेरिका-चीन की चालें और भारत की चिंता, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
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Nehru से लेकर Modi तक को Bose का सच मालूम, Plane Crash की कहानी क्यों गढ़ी गई?: पढ़ाकू नितिन, Ep 207
अनुज धर — वो नाम जिन्होंने नेताजी की मौत के रहस्य को अपनी ज़िंदगी का मिशन बना लिया. बीते 25 सालों में उन्होंने नेताजी पर कई किताबें लिखीं — ‘What Happened to Netaji’, ‘Conundrum’, ‘The Bose Deception’ — जिनमें हैं दस्तावेज़, सबूत और वो सवाल जो अब तक अनसुने रहे. उनका मानना है कि 18 अगस्त 1945 को नेताजी की मौत प्लेन क्रैश में नहीं हुई थी. आज हमने अनुज धर को अपने पॉडकास्ट में बुलाया और उनसे सीधे सवाल किए — सरकारी कहानी पर उन्हें शक क्यों है, असल में उस दिन हुआ क्या था और वो कौन लोग हैं जो नेताजी का सच छुपा रहे हैं, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में.
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Turkey-Pakistan का भाईचार, Erdogan का Islamic Agenda और India का करारा जवाब: Padhaku Nitin
एक वक्त था जब तुर्की भारत का करीबी माना जाता था, व्यापार, पर्यटन और संस्कृति—हर मोर्चे पर रिश्ते मज़बूत हो रहे थे. वही तुर्की भारत के लिए एक कूटनीतिक और वैचारिक चुनौती बनता जा रहा है. चाहे कश्मीर का मुद्दा हो या संयुक्त राष्ट्र का मंच—तुर्की अक्सर पाकिस्तान के साथ खड़ा दिखता है. एर्दोगान अब सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि एक ऐसी विचारधारा के प्रतिनिधि हैं जो 'खिलाफ़त' को नई ज़मीन देना चाहती है, दक्षिण एशिया तक. तो सवाल ये है— क्या तुर्की का ये रुख सिर्फ डिप्लोमेसी है या कोई गहरा एजेंडा? क्या तुर्की-पाकिस्तान-चीन की तिकड़ी भारत के लिए नई चुनौती बन रही है? आज पढ़ाकू नितिन में हमारे साथ हैं वरिष्ठ पत्रकार और विदेश मामलों के जानकार प्रकाश के रे. बात करेंगे एर्दोगान की रणनीति, तुर्की की वैचारिक राजनीति और इसके असर पर भारत, पाकिस्तान और इज़रायल जैसे देशों के साथ, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में
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इंसाफ में देरी की वजह जजों और पैसों की कमी नहीं... कुछ और है?: पढ़ाकू नितिन, Ep 205
इंग्लैंड के प्रधानमंत्री विलियम ग्लैडस्टन ने कहा था—“Justice delayed is justice denied.” यानि अगर न्याय मिलने में देर हो जाए, तो समझिए वो मिला ही नहीं, अब भारत की हकीकत देखिए—हाई कोर्ट में औसतन 5 से 6 साल लगते हैं फैसले में और ज़िला अदालतों में तो 10 साल तक भी. पटना हाई कोर्ट में एक केस को सुनने का औसत समय? सिर्फ़ दो मिनट! ऐसे में आम आदमी की ज़िंदगी अदालतों के चक्कर लगाते ही बीत जाती है. 'पढ़ाकू नितिन’ के इस एपिसोड में हम बात कर रहे हैं न्याय में देरी की उस गंभीर समस्या की, जो लोगों का सिस्टम से भरोसा तोड़ रही है. हमारे साथ हैं ‘तारीख़ पर जस्टिस’ किताब के लेखक प्रशांत रेड्डी और चित्राक्षी जैन, जो बताएंगे जजों की कमी और उनकी बढ़ती उम्र क्यों है चिंता की बात, ज़िला अदालतों के जज किससे डरते हैं, और न्यायपालिका में पारदर्शिता की इतनी कमी क्यों है, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
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India-Pakistan War का Objective, POK की पेचीदगी, Turkey का सपना और West की चुप्पी: पढ़ाकू नितिन, Ep 204
भारत ने बोलने का नहीं, दिखाने का रास्ता चुना, पहलगाम में हुआ हमला सिर्फ एक आतंकी हरकत नहीं थी, वो एक साजिश थी, भारत को उकसाने की और भारत ने इसका जवाब दिया ऑपरेशन सिंदूर से, ये ऑपरेशन खास था, 9 आतंकी अड्डों पर एक साथ हमला और उनमें से कई जगहें वो थीं जिनका नाम आप सालों से सुनते आए हैं- मुरीदके, बहरावल. जैश-ए-मुहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के गढ़. रिपोर्ट्स कहती हैं कि करीब 100 आतंकवादी मारे गए, लेकिन असल कहानी इससे कहीं आगे की है…पाकिस्तान आगे क्या करेगा? भारत की रणनीति क्या होगी ये सवाल लगातार पूछे जा रहे हैं और इनके जवाब तलाशने की कोशिश चल रही है. हमारे साथ हैं डॉ. अभिनव पांड्या, जैश-ए-मुहम्मद और आतंकवाद पर इनका गहन अध्यन है, किताबें भी लिखी हैं, पढ़ाकू नितिन में भी पहले आ चुके हैं. आज के एपिसोड में हमने पांड्या से पूछा- पाकिस्तान की आवाम क्यों आतंकवाद पर चुप है, भारत को किस हद तक पाकिस्तान को पीछे घकेलना चाहिए, तुर्किए ने क्यों पाकिस्तान का हाथ थामे रखा है और भारत की विदेश नीति क्या सही दिशा में आगे बढ़ रही है, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में.
Padhaku Nitin is a casual and long conversation-based podcast where Aaj Tak Radio host Nitin talks to experts and discuss a wide range of topics like history, war, politics, policy, ideologies, cinema, travelling, sports, nature and everything that is interesting. A single episode of the show can be as enriching as reading four books. As we say in the podcast,Chaar kitaabe padhne jitna gyaan milega Padhaku Nitin mein.कब कोई हक़ीक़त से मिथक बन जाता है? क्यों कोई कहानी सदियाँ पार करके हमारे सिरहाने आ बैठती है? कुछ नाम तो इंसानों की कलेक्टिव मेमोरी का हमेशा के लिए हिस्सा बन जाते हैं लेकिन पूरी की पूरी सभ्यता चुपचाप कैसे मिट जाती है?भाषा के ग्रामर से मिले कब, क्यों, कैसे, कहां, किसने ऐसे शब्द हैं जो सेंटेंस में जुड़ जाएँ तो सवाल पैदा करते हैं और सवालों के बारे में आइंस्टीन ने कहा था- The important thing is not to stop questioning. पढ़ाकू नितिन ऐसा ही पॉडकास्ट है जिसमें किसी टॉपिक का रेशा रेशा खुलने तक हम सवाल पूछने से थकते नहीं.